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डिजिटल अरेस्ट के नाम पर ठगी से सावधान रहें – पुलिस अधीक्षक बैतूल का संदेश

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ब्यूरो रिपोर्ट 
बैतूल निवासी हेमंत मालवी को दिनांक 07.01.2025 को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाले ने कहा कि उनके नंबर से “डार्क साइड” में संदिग्ध मैसेज भेजे जा रहे हैं और उन्हें 2 घंटे के भीतर हैदराबाद पहुंचकर सफाई देनी होगी। कॉल करने वाले ने *”डिजिटल अरेस्ट”* का दावा करते हुए धमकाया।
हेमंत मालवी ने तुरंत इस संदिग्ध कॉल को पहचानते हुए फोन डिस्कनेक्ट किया और साइबर पुलिस बैतूल में घटना की सूचना दी। जांच के दौरान स्पष्ट हुआ कि यह एक ऑनलाइन ठगी का प्रयास था।
पुलिस अधीक्षक बैतूल, श्री निश्चल एन. झारिया ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए जनता को *”डिजिटल अरेस्ट”* नामक घोटाले के प्रति सतर्क रहने का संदेश दिया है।
*डिजिटल अरेस्ट ठगी क्या है?*
*”डिजिटल अरेस्ट”* एक ऑनलाइन धोखाधड़ी है, जिसमें ठग खुद को कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं।
*ठगी का तरीका:*
1. ठग ईमेल, टेक्स्ट मैसेज, या फ़ोन कॉल के जरिए संपर्क करते हैं।
2. वे दावा करते हैं कि आपके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है या आप साइबर अपराध की जांच में संदिग्ध हैं।
3. डराने के लिए फर्जी ऑडियो/वीडियो कॉल का इस्तेमाल करते हैं।
4. झूठे आरोप लगाकर तुरंत पैसे देने का दबाव डालते हैं।
*सतर्कता और बचाव के उपाय:*
किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर निजी जानकारी न साझा करें।
यदि कोई खुद को पुलिस या कानूनी अधिकारी बताकर धमकाता है, तो तुरंत पुलिस हेल्पलाइन (112) पर कॉल करें।
आधिकारिक तौर पर पुलिस कभी भी फोन पर भुगतान या व्यक्तिगत जानकारी की मांग नहीं करती।
इस प्रकार की घटनाओं की तुरंत साइबर सेल या नजदीकी थाने में रिपोर्ट करें।
पुलिस अधीक्षक बैतूल ने जनता से अपील की है कि वे जागरूक रहें और ठगों के जाल में फंसने से बचें। इस तरह की किसी भी घटना की सूचना पुलिस को तुरंत दें।
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