राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ महाविद्यालय कार्य के द्वारा शहीद बलिदान दिवस पखवाड़ा पर वीर जाबाज शहीदो भगत सिंह राजगुरू सुखदेव को दी श्रद्धांजलि
भारती भूमरकर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सारनी जिला मुल्ताई के स्वयंसेवकों ने शा महाविद्यालय बगडोना सारणी एव ग्लोबल आई टी आई ,नर्सिंग कॉलेज में वीर शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू बलिदान दिवस मनाया गया ।जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री कमलेश सिंह जिला महामंत्री भाजपा जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विशेष अतिथि श्री अमित गुप्ता जिला सह कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जिला मुल्ताई , श्री रंजीत डोंगरे नगर बौद्धिक प्रमुख आरएसएस सारणी नगर श्रीमती डॉ रश्मि रजक प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय बगडोना श्री विजेश सोनी संचालक ग्लोबल आई टी आई एवं नर्सिंग कॉलेज बगडोना की उपस्थिति में बलिदान महाविद्यालय में सम्पन्न हुआ । जिसमें सभी अतिथियों ने मां सरस्वती एवं देश के वीर योद्धा शहीद भगत सिंह सुखदेव राजगुरू के छायाचित्र पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलित कर पूजन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई।
कार्यक्रम के मुख्य में मुख्य वक्ता श्री कमलेश सिंह ने कार्यकम को संबोधित करते हुए बताया कि शहीद दिवस बलिदान दिवस की 23 मार्च को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारे देश के वीर जाबाज शहीद आजम भगत सिंह राजगुरू सुखदेव को फांसी दी गई थी जो हमारे भारत वासियों के लिए बलिदान दिवस है ।वीर जाबाज शहीदो ने हंसते हंसते भारत माता को परतंत्रता की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए 23 वर्ष की आयु में तीनों क्रांतिकारीयो ने देश को एकजुट करते हुए लाला लाजपत राय जी की हत्या का बदला लेने की ठानी ओर 13 अप्रैल सन 1919 जलियांवाला बाग हत्या कांड में बेकसूर देशवासियों को गोलियों से अग्रेजों ने भून दिया था जिसे उनको उस घटना ने झंझोर दिया और उसकी आग भगत सिंह ने दिल में ज्वाला की तरह जलाते हुए अग्रेजों के साथ लोहा लेकर अपने साथियों के साथ मिलकर अंग्रेज अधिकारी सांडस से बदला लेकर देश के आजादी में में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
मुख्य वक्ता समाजसेवी श्री रंजीत डोंगरे ने भी इस पर अपने विचार रखते हुए कहा कि भगत सिंह राजगुरू सुखदेव के जन्म से लेकर 12 वर्ष की आयु में ही क्रांतिकारी कार्य करते हुए आजादी की लड़ाई में जुट गए थे और बहरी अंग्रेज सरकार को सुनाने को विधानसभा असेंबली में बम फेंककर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए पर्चे देश की आजादी के लिए फेक जिससे देश में आजादी की अलख जग गई उनकी गिरफ्तारियों हुए केस चलाया गया और अंग्रेजी हुकूमत ने षड्यंत्र रचते हुए उन्हें तय समय से एक दिन पूर्व 23 मार्च शाम 7 फांसी दी गई तीनों वीर जाबाज योद्धा फांसी के फंदे को चूमकर हंसते हंसते मेरा रंग दे बसंती चोला गीत और सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है जोर कितना बाजुएं कातिल में गीत गाकर इंकलाब जिंदाबाद नारे लगाकर फांसी के फंदे में झूल गए।
ओर भारत माता की आजादी में महत्वपूर्ण अहम भूमिका लोगो में क्रांति की अलख जगाकर देश के लिए अपने प्राणों को भारत माता के चरणों में न्यौछावर कर दिया । तीनों वीर शहीदों की जीवन चित्रण जन्म से लेकर स्कूल कॉलेज शिक्षा जवानी क्रांतिकारी संघर्ष की गाथाएं को छात्र छात्राओं उपस्थित लोगों के बीच 23 मार्च बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाना ओर अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों वीर जाबाज शहीदो के इतिहास को देश के युवाओं को जानना सुनना पढ़ना चाहिए और उनके सपनो को पूरा करते हुए ।उनके आग्रह किया कि आजादी के महत्व को समझना चाहिए और महापुरुषों के पथ चिन्हों में चलकर देश के प्रगति में प्रत्येक व्यक्तियो को अपना विशेष योगदान देना चाहिए।इस अवसर पर शासकीय महाविद्यालय बगडोना सारणी कॉलेज के शिक्षक शिक्षिकाएं छात्र-छात्राएं और ग्लोबल आईटीआई कॉलेज नर्सिंग कॉलेज बागडोना सारणी की छात्र-छात्राएं शिक्षक शिक्षिकाएं स्टाफ गण भारी संख्या में कार्यक्रम में उपस्थित थे।