नारियल के वेस्ट,बूछ की रस्सी,फूल मालाओं से बीज से न.पा. तैयार करेगी पौधे व जैविक खाद
भारती भूमरकर
मंदिरों से निकलने वाले नारियल के वेस्ट से कोकोपिट, बूछ की रस्सी, फूल मालाओं से बीज निकालकर न.पा. तैयार करेगी पौधे व जैविक खाद
नगर पालिका स्वयं की नर्सरी विकसित करने की तैयारी में, नगर पालिका शुरू किया नवाचार,, शहर के बगीचों के लिए तैयार किए जा रहे पौधे।
सारनी। नगर पालिका परिषद सारनी अब मंदिरों से निकलवे वाले नारियलों के अवशेषों को एकत्रित कर रही है। इससे निकलने वाले वेस्ट से कोकोपिट (खाद) और रेशों से बूछ की रस्सी का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह मंदिरों और स्मारकों से निकलने वाली फूल-मालाओं से बीज निकालकर पौधे व खाद भी तैयार किए जाएंगे। इन्हें शहर के बगीचों में लगाया जाएगा। नगर पालिका परिषद सारनी ने स्वच्छ भारत अभियान 2024 के तहत मंदिरों से निकलने वाले वेस्ट से यह नवाचार किया जा रहा है। इतना ही नहीं नगर पालिका अपनी स्वयं की नर्सरी विकसित करने की तैयारी कर रही है। इससे शहर वासियों को किफायती दामों में पौधे उपलब्ध हो जाएंगे।
अमूमन मंदिरों से निकलने वाले नारियल के वेस्ट को फेंक दिया जाता था और फूल मालाओं को विसर्जित कर देते थे, लेकिन अब नगर पालिका ने इनका भी उपयोग करना शुरू कर दिया है। स्वच्छ भारत अभियान के नोडल अधिकारी केके भावसार ने बताया कि नगर पालिका ने मंदिरों से निकलने वाले नारियल के वेस्ट को एकत्रित कर उनसे कोकोपिट तैयार किया जाएगा। यह सामान्य बाजार में काफी उंचे दामों पर बिकता है। इतना ही नहीं उसके रेशों से रस्सी का निर्माण भी किया जाएगा। मंदिरों और स्मारकों से निकलने वाली फूल-मालाओं को सूखाकर उनसे बीज निकाले जा रहे हैं। इन बीजों से पौधे तैयार किए जाएंगे। जबकि बचे अवशेष से जैविक खाद तैयार की जाएगी। कोकोपिट (खाद) डालने से पौधों के विकास में सहयोग मिलेगा। इस तरह नगर पालिका स्वयं की नर्सरी विकसित करने की भी तैयारी कर रही है। आगामी दिनों में आम लोगों को भी किफायती दामों पर पौधे मिल जाएंगे। साथ ही शहर स्वच्छ और सुंदर रहेगा।
ऐसे समझे क्या है कोकोपिट
कोकोपिट पौधों के लिए एक तरह के फाइबर पाउडर यानी खाद का काम करता है। यह सूखे नारियल के छिलकों से तैयार किया जाता है। कोकोपिट पाउडर में नाइट्रोजन, मैग्नीशियम, जिंक और फॉस्फोरस जैसे कई मिनरल्स पाए जाते हैं। इसीलिए कोकोपिट पाउडर पेड़-पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए खाद के रूप में बेहतरीन विकल्प होता है। यही कारण है कि सामान्य बाजार में यह काफी महंगे दामों पर उपलब्ध होता है।
वर्जन
संपूर्ण शहर को स्वच्छ रखने में सबकी भागीदारी जरूरी है। मंदिरों से निकलने वाले वेस्ट का बेहतर तरीके से प्रबंधन करने के लिए नगर पालिका नारियल के वेस्ट से रस्सी, खाद और फूलों के माध्यम से पौधे विकसित करने का नवाचार करने जा रही है।
-सी.के. मेश्राम, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नपा सारनी