अवैध कॉलोनाईजेशन को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नये दिशा-निर्देश जारी
ब्यूरो रिपोर्ट
अवैध कॉलोनाईजेशन पर सख्ती से रोक लगाई जायेगी। अवैध कॉलोनी बसाने वालों के साथ ही अवैध कॉलोनी में प्लाट बेचने वालों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी। अवैध कॉलोनाईजेशन पर रोक लगाई जाने के लिए कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने जिले के सभी एसडीएम और अन्य राजस्व अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने इन निर्देशों को कडाई से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये है।
उक्त दिशा-निर्देशों की जानकारी देने के लिए कलेक्टर श्री आशीष सिंह की अध्यक्षता में सभी एसडीएम और संबंधित अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन, अपर कलेक्टर श्रीमती सपना लोवंशी, श्री रोशन राय, श्री राजेन्द्र सिंह रघुवंशी तथा श्रीमती निशा डामोर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि इंदौर जिले में यह सुनिश्चित किया जाये कि कहीं भी अवैध कॉलोनी की बसाहट नहीं हो। अवैध कॉलोनी बसाने वालों के साथ ही नागरिकों को अवैध प्लाट बेचने वाले ब्रोकरर्स सहित अन्य लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाये। यह ध्यान रखें कि अवैध कॉलोनी में नागरिकों के बसने के पूर्व ही उक्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि कृषि भूमि को छोटे-छोटे प्लाटों के रूप में विक्रय नहीं होने दे। कृषि भूमि के छोटे-छोटे प्लाटों के रूप में विक्रय/नामांतरण पर तत्काल रोक लगाई जाये। प्राय: यह देखा जाता है कि कृषि भू-स्वामियों द्वारा कृषि भूमि को छोटे-छोटे प्लाटों के रूप में विभाजित कर विक्रय कर दिया जाता है। इससे यह प्लाट एक अवैध कॉलोनी के रूप में हो जाते हैं। इससे प्लाट धारकों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाती है और बड़ी समस्या सामने आती है। श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि एक एकड़ से कम भूमि का पंजीयन प्लाट के रूप में नहीं किया जाये।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि विकास अनुमति एवं टीएनसीपी अभिन्यास का इन्द्राज खसरों में अनिवार्य रूप से करें। उन्होंने कहा कि प्राय: यह देखने में आता है कि जगह-जगह रास्तों में ब्रोकरों आदि द्वारा होर्डिंग/गुमटियां/केनोपी आदि लगाकर आम जनता को भ्रमित करते हुए अवैध प्लाटों का विक्रय किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि इस प्रवृत्ति पर सख्ती से रोक लगाये। ऐसे लोगों से विकास अनुमति एवं रेरा की अनुमति भी देखे। यह नहीं पाये जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाये। रेरा में पंजीकृत एजेन्ट द्वारा ही कॉलोनियों के प्लाटों के द्वारा ही बुकिंग की जा सकती है। नवीन विकास अनुमतियों में रेरा नियमों एवं ग्राम पंचायत नियम 2014 के प्रावधानों का भी सख्ती से पालन कराया जाये। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने निर्देश दिये कि राजस्व अधिकारी यह भी देखे कि किसी भी कॉलोनियों में रास्ते संबंधी विवाद नहीं हो। कॉलोनियों एवं ग्रामीणों के मध्य रास्ते संबंधी विवाद का युक्तियुक्त निपटारा किया जाये। साथ ही कलेक्टर ने कहा कि टीएण्डसीपी यह सुनिश्चित करें कि विगत तीन वर्षों में स्वीकृत अभिन्यासों की प्रतियां संबंधित तहसीलदारों को उपलब्ध कराये जिससे की इसकी एंट्री खसरा अभिलेखों में की जा सकें।