गरीब आदमी के जीवन में रौशनी लाने के लिये नवाचारी काम करें – जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह
ब्यूरो रिपोर्ट
हर गरीब आदमी के जीवन में नई रौशनी आये, लोग अपने पैरो पर खडे होकर आत्म निर्भर बनें, इस दिशा में नवाचारी तरीके से काम करने की जरूरत है। जनजातीय कार्य, लोक परिसंपत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुर्नवास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने बुधवार को कलेक्टर सभागार उमरिया में हुई प्रधानमंत्री जन मन योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को यह निर्देश दिए।
बैठक में विधायक बांधवगढ श्री शिवनारायण सिंह, कलेक्टर श्री धरणेन्द्र कुमार जैन, सीईओ जिला पंचायत श्री अभय सिंह, वनमंडलाधिकारी श्री विवेक सिंह, जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने कहा कि भारत सरकार व्दारा बीमार व्यक्तियों के इलाज के लिये आयुष्मान योजना के माध्यम से पांच लाख रूपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इलाज में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों की फीस के लिए अलग-अलग मापदण्ड हैं। इसके लिए कलेक्टर टीम गठित कर अशासकीय स्वास्थ्य संस्थानों की जांच कराएं। मंत्री डॉ. शाह ने बताया कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि देश की सेवा करते हुए शहीद होने वाले सैनिकों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती है। अब यह सहायता राशि शहीद की पत्नी के अलावा शहीद के माता-पिता को भी समान रूप से दी जायेगी।
जन जातीय कार्य मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि उमरिया जिले में बांधवगढ टाईगर रिजर्व क्षेत्र में ‘होम स्टे योजना’ के क्रियान्वयन की व्यापक संभावनाएं है। प्रायोगिक तौर पर 10 चयनित जनजातीय परिवारों को इस योजना से लाभान्वित किया जाये। इन चयनित परिवारों को सब्जी उत्पादन, मछली उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, जैविक खाद उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जाए। इसी तरह बांधवगढ टाईगर रिजर्व पार्क मुख्यालय में जन जातीय कला एवं संस्कृति को संरक्षित एवं संवर्धित करने के लिये विभिन्न विभागों के सहयोग से ‘ओपन थियेटर’ की स्थापना की जाये। जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को पार्क में भ्रमण के अतिरिक्त मनोरंजन के अन्य साधन भी सहजतापूर्वक उपलब्ध हो सके। ऐसा करने से जहां स्थानीय कला, संस्कृति एवं पकवानों को संरक्षण मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन-मन योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि विशेष पिछडी जनजाति के लोगों को उनकी इच्छा अनुसार कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, सिलाई, कडाई, बुनाई, शिल्पकला, व्यंजन तैयार करने आदि के प्रशिक्षण दिये जायें। किसान उत्पादक संघ (एफपीओ) बनाकर फसल बीजों का संरक्षण किया जाए तथा मोटे अनाज (श्री अन्न) के उत्पादन को बढावा दिया जाये।
कलेक्टर उमरिया ने कहा कि स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग हेतु जो नवाचार जनजातीय कार्य मंत्री द्वारा अपने अनुभवों के आधार पर बताए गए है, उनपर तेजी से काम कर निर्देशों का यथाशीघ्र पालन किया जाएगा।