ग्राम पंचायत सलैया में मध्यान्ह भोजन के नाम पर बच्चों को खिलाई जा रही कच्ची रोटी
ब्यूरो रिपोर्ट
ग्राम पंचायत सलैया में मध्यान्ह भोजन के नाम पर बच्चों को खिलाई जा रही कच्ची रोटी
शनिवार को शासकीय माध्यमिक शाला सलैया में कच्ची रोटी खिलाई गई बच्चों को
सारनी। भारत सरकार की मध्यान भोजन योजना के अंतर्गत प्राथमिक और लघु माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को दोपहर में भोजन निशुल्क प्रदान किए जाने के उद्देश्य से लेकर स्कूलों में मध्यान भोजन शुरू किया गया। लेकिन ग्राम पंचायत सलैया में संचालित होने वाले माध्यमिक विद्यालय में शनिवार को स्व.सहायता समूह के माध्यम से विद्यार्थियों को कच्ची रोटी पराठा बात कर खिलाने का कार्य किया गया है। ग्राम पंचायत सलैया में निवास करने वाले मोहन नरवरे ने इसका खुलकर विरोध किया तो स्व. सहायता समूह की महिलाओं द्वारा कहां गया कि तुम्हें जहां शिकायत करना है तुम वहां जाकर शिकायत करो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता।
जिस पर मोहन नरवरे के माध्यम से ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हुकुम सिंह रघुवंशी एवं जिला कलक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी के व्हाट्सएप पर बच्चों को खिलाई जाने वाली कच्ची रोटी भेज कर माध्यमिक विद्यालय सलैया के स्व.सहायता समूह एवं शिक्षकों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है ग्राम पंचायत सलैया निवासी मोहन नरवरे ने आरोप लगाते हुए बताया कि मध्यान्ह भोजन के प्रतिदिन अलग-अलग भोजन विद्यार्थियों को उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए गए हैं।लेकिन स्व. सहायता समूह की महिलाएं इसका पालन नहीं करती बच्चों को पानी युक्त दाल,कच्ची रोटी कच्चा चावल खिलाने का कार्य करती है। जबकि स्वयं बेहतर भोजन बनाकर खाने का कार्य करती है। दुखत पहलू तो यह है कि महिला बाल विकास एवं माध्यमिक विद्यालय सलैया के प्रधान पाठक भी इसका विरोध नहीं करते आखिर क्या वजह है कि एक ही स्थान पर लंबे समय से पदस्थ शिक्षक ना हटाते हैं और ना ही शासन के नियमों के अनुसार कार्य कर रहे हैं ऐसी स्थिति को देखते हुए मंगलवार को जनसुनवाई में ग्राम पंचायत सलैया के कई लोग खड़े होकर गुणवत्ताहीन मध्यान भोजन खिलाने वाले स्व. सहायता समूह और शिक्षकों की शिकायत करने का कार्य करेंगे। जिससे शासन के माध्यम से जारी किया गया मध्यान भोजन योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को बेहतर भोजन उपलब्ध हो सके।