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महिला बाल विकास परियोजना भीमपुर का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न

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ब्यूरो रिपोर्ट 

  • महिला बाल विकास परियोजना भीमपुर का तीन दिवसीय प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न
  • महिला बाल विकास परियोजना भीमपुर द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण का किया समापन
  • प्रशिक्षणार्थियों को हिंदी-अंग्रेजी, वर्णमाला चार्ट किए वितरित 
बैतूल। महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत भीमपुर परियोजना द्वारा सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 योजना के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 24 मार्च से 26 मार्च 2024 तक सामुदायिक मंगल भवन भीमपुर में आयोजित किया गया, जिसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं एवं सुपरवाइजर्स को पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण प्रबंधन एवं पंचायत व शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी गौतम अधिकारी ने “पोषण भी पढ़ाई भी” कार्यक्रम की महत्ता पर बल दिया और प्रशिक्षणार्थियों को प्रोत्साहित किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री अधिकारी ने प्रशिक्षणार्थियों को भविष्य में कार्यक्षेत्र में कठिनाइयों का सामना न करने के लिए सभी सवाल खुलकर पूछने एवं बच्चों के पोषण एवं शिक्षा के प्रति गंभीरता से कार्य करने की सलाह दी।  
—प्रशिक्षण का उद्घाटन एवं प्रथम दिन की गतिविधियां—
प्रशिक्षण के आरंभ में परियोजना अधिकारी श्रीमती रामबाई गुबरेले ने “पोषण भी पढ़ाई भी” योजना की संक्षिप्त जानकारी दी। इस दौरान सुविधा बुक और फोल्डर का वितरण  किया गया। प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में मास्टर ट्रेनर इंदु पंडोल एवं रूपा बोबडे द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का ऑनलाइन पंजीयन, उपस्थिति दर्ज कराई गई एवं प्री-टेस्ट लिया गया। इसके अलावा “नव चेतना” का परिचय दिया गया, जो बच्चों में स्वस्थ मानसिकता और सामाजिक विकास पर केंद्रित था। द्वितीय सत्र में 3 से 6 वर्ष के बच्चों के विकासात्मक पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें खेल आधारित शिक्षण गतिविधियां, ईसीसीई गतिविधियां एवं साप्ताहिक खेल कैलेंडर को समझाया गया।  
—प्रशिक्षण के दूसरे दिन की गतिविधियां—
दूसरे दिन प्रशिक्षण का संचालन करते हुए पर्यवेक्षक श्रीमती शिवांगी नामदेव एवं श्रीमती रोला धुर्वे द्वारा बच्चों में कुपोषण प्रबंधन के लिए “सीसैम प्रोटोकॉल” पर चर्चा की गई। सूक्ष्म पोषण तत्वों की कमी और मानव जीवन चक्र में पोषण की भूमिका को वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से समझाया गया। महत्वपूर्ण 1000 दिवस के महत्व पर चर्चा की गई। दिव्यांगजन अधिनियम 2016 के अंतर्गत प्रधानमंत्री द्वारा दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष पहल और उन्हें मुख्य धारा में शामिल करने के प्रयासों की जानकारी दी गई। इसके अलावा दिव्यांगता के 21 प्रकारों की जानकारी दी गई, जिससे कार्यकर्ता ऐसे बच्चों की सही पहचान कर सकें और उनकी देखभाल में मदद कर सकें।  
—तीसरे दिन की गतिविधियां एवं समापन समारोह—
प्रशिक्षण के अंतिम दिन प्रतिदिन की तरह ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराई गई। इसके बाद पिछले दो दिनों की गतिविधियों की समीक्षा की गई और समूह में व्यावहारिक गतिविधियां कराई गईं। इस दौरान पंचायत विभाग से श्री सोनी ने ग्राम पंचायत एवं ग्रामीण योजनाओं की जानकारी दी। खंड शिक्षा अधिकारी रमेश कौशिक ने निःशुल्क शिक्षा एवं शैक्षणिक संस्थाओं के बारे में विस्तार से बताया। स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर राकेश तिवारी ने स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी।
पोषण पुनर्वास केंद्र से ज्योति तुमराम और प्रेमलता राठौर ने कुपोषण पर विस्तृत चर्चा की एवं बच्चों की ऊचाई, लंबाई मापन की जानकारी दी। समापन अवसर पर  प्रशिक्षणार्थियों को हिंदी-अंग्रेज़ी वर्णमाला चार्ट वितरित किए गए। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी श्रीमती रामबाई गुबरेले, मास्टर ट्रेनर इंदु पंडोल, रूपा बोबडे, शिवांगी नामदेव, रोला धुर्वे, सुषमा सोनारे, नेहा सावनेर, सारजा पंडोल, सुनीता मर्सकोले सहित अन्य पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।  कार्यालय स्टाफ लक्ष्मी नारायण मालवी, हेमंत सोलंकी ने भोजन, चाय एवं अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित किया। श्री दामू सलामे एवं मनोज राठौर ने बैठक की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की।