राहूल गांधी की पार्टी और परिवार आरक्षण विरोधी- डा. पंडाग्रे
नीता वराठे
- राहूल गांधी की पार्टी और परिवार आरक्षण विरोधी- डा. पंडाग्रे
- पत्रकारवार्ता में आमला विधायक ने कांग्रेस को बताया अंबेडकर विरोधी
बैतूल । भारतीय जनता पार्टी जिला भाजपा कार्यालय विजय भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में आमला विधायक डा.योगेश पंडाग्रे ने पिछले दिनो राहूल गांधी के आरक्षण पर दिए गए बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि आरक्षण हटा देने की धुन गांधी परिवार और कांग्रेस वाले जवाहरलाल नेहरू के समय से दोहरा रहे है। विदेश में जाकर अपने देश की बूराई करना इनका स्वभाव रहा है। नेहरू सरकार का उदाहरण देते हुए बताया कि 1956 में काका कालेलकर की रिपोर्ट खारिज कर दी गई जो पिछडा वर्ग की वकालत करती थी। 1661 में नेहरू ने आरक्षण से अक्षमता को बढाबा माना था।
वहीं भारत रत्न डा.भीमराव अंबेडकर को लोकसभा उपचुनाव में हराने का काम भी नेहरू ने ही किया था। इंदिरा गांधी ने भी आपातकाल लगाकर मंडल आयोग की बात को दरकिनार किया। डा. पंडाग्रे ने पत्रकारो के सवालो का जवाब देते हुए कहा कि 1966 से 1977 तक संविधान मे 25 बार संशोधन हुआ जबकि 2014 के बाद केवल 8 बार संशोधन हुआ। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनुसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति और पिछडा वर्ग के हितो को ध्यान में रखकर कार्य कर रहे है। वहीं कांग्रेस के राजीव गांधी ने 1990 की लोकसभा में आरक्षण का विरोध कर धर्म के आधार पर आरक्षण की वकालत की जो बाबा साहेब के संविधान के खिलाफ था। लोकसभा चुनावो में राहुल गांधी जिस संविधान की किताब को चुनाव प्रचार में इस्तमाल कर रहे थे उसी संविधान के खिलाफ कांग्रेस का लंबा इतिहास है। आज मोदी जी के नेतृत्व में बाबा साहेब के जीवन से जुडे महत्वपूर्ण स्थानो को पंचतीर्थ के रूप में शामिल किया गया है। कांग्रेस संविधान को राजनीति के रूप में इस्तेमाल करती है जबकि भाजपा के लिए यह श्रृद्वा और आस्था का केन्द्र रहा है। विदेश में देश की छवि खराब किए जाने वाले राहूल गांधी के बयान की भत्सना हम करते है। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष हंसराज धुर्वे, जनपद पंचायत बैतूल अध्यक्ष ईमलाबाई जावलकर, नपाध्यक्ष बैतूल पार्वती बारस्कर , जिला मीडिया प्रभारी सूर्यदीप त्रिवेदी विशेष रूप से मौजूद रहे।