आंवला नवमी के उपलक्ष में गायत्री महायज्ञ संपन्न
ब्यूरो रिपोर्ट
गायत्री परिवार ट्रस्ट गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में आंवला नवमी के उपलक्ष में गायत्री महायज्ञ संपन्न किया एवं आंवला नवमी का पूजन कर आवाले का महत्व बताया कि वाला लगाने से बालों का संरक्षण होता है आंवला खाने से विटामिन सी के साथ ही शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकता की पूर्ति होती हैआवलै को किसी ना किसी रूप में, अचार के रूप में कैंडी के रूप में चवनप्राश के रूप में त्रिफला के रूप में ग्रहण करने की परंपरा है जिसके माध्यम से अवल से आंतरिक कायाकल्प सुनिश्चित रूप से हो जाता है हमारे ऋषि मुनियों द्वारा आंवला कलप के माध्यम, बूढ़े ऋषि जवान हो जाया करते थे आंवला नवमी का जितना पूजन का महत्व है उससे कहीं अधिक अवल को ग्रहण करने का दर्शन आंवला नवमी के पूजन में सन्निहित है आंवला नवमी के उपलक्ष में गायत्री प्रज्ञापीठ सारणी में परिजनों में वाला का पूजन कर 108 परिक्रमा कर आरती पूजन आदि कर अपने घरों से टिफिन लाकर प्रसाद ग्रहण किया तथा वार्षिक उत्सव 11 दिसंबर से 15 दिसंबर तक मोतियाबिंद नेत्र शिविर नो कुंडी गायत्री महायज्ञ के संबंध में विचार गोष्ठी टोली निर्धारण एवं समिति का गठन किया गया।
इस अवसर पर ट्रस्टी श्रीमती राधा श्रीमती प्रमिला देवालय श्री श्यामा पटेले बहन जी श्री राजकुमार मालवीय श्री रामकिशोर मालवीय श्रीमती गीता श्रीमती इंनदू सोनी, श्री यादवराव चिल्हाटे, श्रीशैलम देशमुख कविता देशमुख श्रीमती ज्योति मालवी श्रीमती गीता पचौरी एवं बरोदे बहन जी आदि कार्यकर्ता भाई बहन उपस्थित थे।