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कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने जारी किए निजी स्कूलों के लिए आवश्यक दिशा निर्देश, उल्लंघन करने वालों पर होगी मान्यता रद्द करने की कार्रवाई

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ब्यूरो रिपोर्ट 

  • पालकों को निश्चित दुकान से ही पाठ्य सामग्री खरीदने के लिए बाध्य न किया जाए:  कलेक्टर श्री सूर्यवंशी
  • यूनिफार्म को छोड़कर किसी भी पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम उल्लेखित नहीं किया जाए : कलेक्टर श्री सूर्यवंशी
  • शाला परिवहन समन्वय समिति के माध्यम से होगी परिवहन की व्यवस्था

 

कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले में अशासकीय शालाओं के संचालनविद्यार्थियों से लिए जाने वाले शुल्क सहित अन्य विषयों पर गुरुवार को दिशा-निर्देश जारी किए है। कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि बैतूल जिले के अंतर्गत संचालित सीबीएसईआईसीएसईमध्यप्रदेश शासन माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्यप्रदेश भोपाल से सम्बद्ध मान्यता प्राप्त विद्यालयों में उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। निर्देश उल्लंघन करने की स्थिति में आईपीसी  की धारा 188 के तहत न्यायालयीन कार्यवाही के साथ संबंधित दोषी विद्यालय की नियमानुसार मान्यता समाप्त करनेअनापत्ति वापस किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।

       जारी आदेश के अनुसार विद्यालय में पाठ्य पुस्तकों के निर्धारण करते समय सीबीएसई बोर्ड से सम्बद्ध शालाओं के प्रबंधन द्वारा सीबीएसई के परिपत्र में निहित निर्देशों को ध्यान में रखा जाएजिसके अंतर्गत विद्यार्थी पालकों को एनसीईआरटी सीबीएसई पाठ्य पुस्तकों से इतर पुस्तकें क्रय किये जाने के लिए बाध्य न किया जाए। शाला परिसर या शाला द्वारा निर्देशित विक्रेताओं या किसी निश्चित दुकान से पाठ्य पुस्तकेंकॉपीपेनपेंसिलयूनिफार्म अन्य शिक्षण सामग्री क्रय करने के लिये अस्वाभाविक एवं असामान्य निर्देश जारी कर बाध्य न किया जाए। छात्र या अभिभावक इन सामग्रियों को खुले बाजार से क्रय करने के लिए स्वतंत्र होंगे। एनसीआरटी द्वारा कक्षा 1 से 12वीं के लिए प्रकाशित पुस्तकें epathshala.nic.in पर बिना लागत के उपलब्ध हैविद्यालय इस सूचना को विद्यार्थी एवं अभिभावकों के साथ साझा करेंगे ताकिवे इस सुविधा का लाभ उठा सकें।सीबीएसई के परिपत्र में स्पष्ट किया गया है, “बहुत अधिक पाठ्य पुस्तकोंजो कि शैक्षणिक रूप से अप्रामाणिक हैंको निर्धारित करना और अभिभावकों एवं बच्चों को उनको खरीदने के लिए बाध्य करना अनुचित व्यवहार है। विशिष्टतः क्योंकि एनसीआरटी विषय सामग्री बोर्ड की परीक्षा के प्रश्नों को तैयार करने के लिए आधार हैं और सीबीएसई में प्रश्न पत्रविषय निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया जाता है। इसी प्रकार सीबीएसई परिपत्र के माध्यम से राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा एनसीएफ 2005 के आधार पर विभिन्न कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम निर्धारण करते हुए कक्षावार उपयोग में लाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकों की मानक संख्या एवं सूची जारी की गई हैजिसके अनुसार कक्षा 1 एवं 2 के लिये 03कक्षा 3 एवं 4 के लिये 04कक्षा 5 के लिये 06कक्षा 6 एवं 7 के लिये 10कक्षा 8 के लिये 13इसी प्रकार कक्षा 9 से 12 के लिए पुस्तकों की सूची जारी की गई हैउक्त के अनुपालन में बच्चों के बस्ते का वजन कम रखने साथ ही प्रामाणिक स्तर की पुस्तकों का चयन निर्धारण समिति के माध्यम से किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

आवश्यक जानकारी विद्यालय के सूचना पटल पर हो दर्ज

       जारी आदेश के अनुसार निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय प्रवेश प्रारंभ की तिथि एवं प्रक्रियाविद्यालय में उपयोग में लाई जाने वाली पाठ्य पुस्तकेंस्टेशनरीपठन सामग्रीबैगयूनिफॉर्मस्पोर्ट्स किटट्रांसपोर्ट सुविधाफीस अथवा परोक्ष या अपरोक्ष रूप से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड तथा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाए। निजी विद्यालयविद्यालय की विवरण पुस्तिका एवं आवेदन पत्र प्राप्त करने के सम्बन्ध में आवश्यक जानकारी विद्यालय के सूचना पटल एवं आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाए। यदि अभिभावकों द्वारा कोई भुगतान किया जाना अपेक्षित है तो स्पष्टतः उल्लेख किया जाए।

निजी विद्यालय बिना अनुमति के नहीं बढ़ा सकेंगे फीस

       जारी आदेश के अनुसार प्रत्येक निजी विद्यालय प्रबंधनप्रतिवर्ष आगामी शैक्षणिक सत्र आरंभ होने के 180 दिवस पूर्व पोर्टल पर निर्धारित जानकारी तथा अभिलेख यथा सामान्य जानकारी में परिवर्तन होने की स्थिति में प्रारूप 12 इत्यादि में जानकारीआगामी शैक्षणिक सत्र हेतु प्रस्तावित फीस संरचना प्रारूप 3 में प्रविष्ट/अद्यतन करेगा। यदि प्रस्तावित फीस संरचना में वृद्धिगत शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 10 प्रतिशत या कम है तो प्रस्तावित फीस संरचना सत्र प्रारंभ होने के 90 दिवस पूर्व तक पोर्टल पर अपलोड करेंगे। निजी विद्यालयों द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि बिना सक्षम समिति की स्वीकृति के नहीं की जा सकेगी।  विद्यालय प्रबंधन द्वारा यूनिफार्म को छोड़कर किसी भी पाठ्य सामग्री पर विद्यालय का नाम उल्लेखित नहीं किया जाएगा। यदि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालयीन गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी 03 शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेंगी। तीन वर्ष की अवधि पश्चात ही गणवेश में परिवर्तन किया जा सकेगा।

बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए जारी गाइडलाइन का पालन किया जाए

       विद्यालयों में स्कूल वाहनों के सुरक्षित संचालन तथा पालकों की सहभागिता व सहयोग सुनिश्चित करने की दृष्टि से शाला परिवहन समन्वय समिति के माध्यम से परिवहन की व्यवस्था एवं सुरक्षा की समीक्षा की जाना आवश्यक होगा। विद्यालयों के वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग टेस्ट व वाहन संचालन सम्बन्धी निर्धारित मापदंड अनुरूप वाहनों का निरीक्षण तथा संचालित समस्त वाहनों की जानकारी स्थानीय परिवहन पुलिस एवं स्कूल शिक्षा विभाग से साझा की जाएगी। सीबीएसई के परिपत्र अनुसार स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों के सुरक्षित परिवहन के लिए जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया जाए। म.प्र. परिवहन विभाग के राजपत्र अनुसार शैक्षणिक वाहनों के नियमित निरीक्षणव्हीकल ट्रेकिंग डिवाइस का परीक्षण करना इत्यादि आवश्यक है। स्कूल बसों के संचालन में मान्यता नियम 2017 के नियम 5(20) अन्य शर्ते (6) अंतर्गत विद्यालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन के लिए शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा नियमों का पालन किया जाये। इसके अलावा विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा संबंधी प्रावधान तथा स्कूल बस में महिला कंडक्टरमहिला शिक्षिकामहिला स्टाफ की अनिवार्य उपस्थितिसमस्त शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक स्टाफड्राइवरकंडक्टरमालीचौकीदारआउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारी का चरित्र सत्यापन इत्यादि का अनुपालन आवश्यक रूप से किया जाए।

विद्यालय परिसर के आसपास मादक पदार्थों के विक्रय पर प्रतिबंध

       माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में मध्यप्रदेश शासन द्वारा विद्यालय के परिसर अथवा आसपास जंक फूडगुटखातंबाकू से संबंधित उत्पाद का विक्रय पूर्णतः प्रतिबंध किया गया है। इसके अलावा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों से जुड़े प्रावधानों में एक महत्वपूर्ण शारीरिक दंड और मानसिक उत्पीड़न के निषेध से संबंधित है। विद्यालयों में बच्चों को शारीरिक दंड दिए जाने को प्रतिबंधित किया गया है।