वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र की भूमिगत खदानो में मजदूरों का बदस्तूर शोषण जारी
कलीराम पाटिल
श्रम कानून मजदूरों के मौलिक अधिकार और संरक्षण और मजदूरों के शोषण को रोकने के लिए होता है। वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र की भूमिगत खदाने तो केन्द्र सरकार के अधीनस्थ संचालित होते भी श्रम कानूनो का अनुपालन नही हो रहा है।ठेकेदारी में काम करने वाले मजदूरों का आर्थिक और शारीरिक शोषण बदस्तूर जारी है।
वेकोलि पाथाखेड़ा क्षेत्र की भूमिगत खदानों में खनन का कार्य पश्चिम बंगाल की कंपनी जोयस और हैदराबाद की अरविंदो कंपनी की मशीनें कर रही है।
उक्त कंपनियों में सीमित मजदूर स्थानीय मजदूरों की अनदेखी कर बाहरी मजदूरों को काम पर रख रहे है, वजह बाहरी मजदूर किसी हालत में शोर शराबा नही करेगा और स्थानीय मजदूर जीना हराम कर देगा।
कंपनी की खनन मशीनों पर काम करने वाले मजदूरों को कंपनी के मजदूरी नियमानुसार मजदूरी दी जा रही है लेकिन कंपनी मशीन के अलावा ठेकेदार के अधीनस्थ मजदूरी पर काम करने वाले मजदूरों का शोषण बदस्तूर जारी है।
सुत्र बताते है कि मजदूरों को आधी मजदूरी ठेकेदार को देने की शर्त पर काम रखा जाता है। और ठेकेदार मजदूर से प्रतिमाह बैंक अकाउंट से आधा वेतन निकलवा कर ले लेता है।
जो मजदूर आधा वेतन देने मे आना कानी करता है उसे मजदूरी से बंद कर दिया जाता है।
वेकोलि पाथाखेड़ा की भूमिगत खदानों में सैंपलिंग का कार्य कम मजदूरों से अधिक काम करवाने से उचित गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।वहीं खदानों में स्थानीय बीटीसी युवाओं को काम देने से कतराने से बीटीसी युवा बेरोजगारी के हालात में इधर-उधर घुमने के लिए मजबूर हैं।