कीचड़ भरी गलियों से संघर्ष कर रहा आदिवासी समुदाय
ब्यूरो पन्ना प्रिय प्रकाश तिवारी की रिपोर्ट
शाहनगर जनपद मुख्यालय से महज 6 किलोमीटर दूर की ग्राम पंचायत नुनागर के महुआखेड़ा का मजरा नयाखेड़ा। जहां पर निवासरत आदिवासी समुदाय आज भी कीचड़ भरी गलियों से संघर्ष कर रहा है।यहां के बच्चे जब स्कूल जाते हैं,तो गिरते फिसलते कुछ बच्चे स्कूल पहुंचते हैं,और कुछ वापस आ जाते हैं।यहां स्कूल, बिजली ,पानी जैसी व्यवस्थाएं तो हो गई,और इन व्यवस्थाओं से यहां के रहवासी संतुष्ट भी हैं।परंतु यहां कीचड़ भरी जिंदगी से यहां के लोग त्रस्त हैं।ऐसा भी नहीं है कि ग्राम पंचायत यहां का विकास नहीं कराना चाहती,और ऐसा भी नहीं है कि यहां के लोग विकास के नाम पर आवाज नहीं उठाते।पंचायत विकास भी कराना चाहती है,और लोग दूसरे लोगों की तरह अच्छा जीवन जीना भी चाहते हैं।परंतु यहां प्रसानिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते यहां के लोग कीचड़ भरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं।
पंचायत सरपंच ने मौके पर ग्रामीणों के समक्ष उपस्थित होकर स्वयं मीडिया के सामने बयान दिया है कि मजरा नयाखेड़ा की गलियों में सीसी रोड बनाने के लिए उन्होंने अनेकों बार जनपद मुख्यालय का दरवाजा खड़खड़ाया,लेकिन वहां सिर्फ फाइल फाइल का खेला चल रहा है।सरपंच श्री ध्रुव सिंह ने बताया है कि यहां के हालात जिम्मेदार अधिकारियों को भी दिखाए गए,लेकिन कोई मतलब नहीं निकला।वहीं गांव के जिम्मेदार समाजसेवी कम्मोद सिंह जो कि सत्ताधारी पार्टी के बूथ अध्यक्ष भी हैं,उन्होंने भी मीडिया के समक्ष बयान दिया है कि उन्होंने अपने स्तर पर भी शासन प्रशासन से इसके लिए बात की।लेकिन किसी ने नहीं सुनी।
मामले में बड़ा सवाल यह है कि बीजेपी के शासन काल में विकास के नाम बड़े बड़े दावे किए जाते हैं,लेकिन जनपद मुख्यालय से मात्र 6 किलोमीटर की दूरी पर निवासरत आदिवासी समुदाय के लोग विकास की मांग करते करते थक गए परंतु हुआ कुछ नहीं।
अब देखना यह होगा कि क्या नुनागर ग्राम पंचायत के मजरा नयाखेड़ा का विकास बीजेपी सरकार के दावे के अनुसार हो पाएगा,या फिर इन ग्रामीणों को इसी तरह का जीवनयापन करते रहना होगा।