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अवैध रेत का उत्खनन लगातार जारी कार्यवाही करने में नाकाम रहे खनिज विभाग अधिकारी

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मनोज पवार

अवैध रेत का उत्खनन करने वाले माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने में खनिज विभाग अधिकारी पूर्णतः नाकाम रहे। अब तक सरनी छेत्र में तेंदूखेड़ा खदान एवं आसपास तवा नदी से रेत उत्खनन का मामला दिनों दिन बढ़ता चला जा रहा है। सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई हैं दबंगई और अधिकारियो की साठ गांठ से चल रहा सारा खेल,

कार्यवाही में देर क्यों खनिज विभाग अधिकारी कार्रवाई करने से चूक रहे हैं आखिर क्यों?
अवैध रेत उत्खनन करके व्यापार करने का रेत माफिया का हौसला इतना बुलंद है कि खनिज विभाग अधिकारी भी नत मस्तक हो चुके हैं जहां बैतूल जिले भर मे कई जगह से रेत उत्खनन करने की खबर पत्रिकाओं द्वारा प्रकाशित हो रही है वहीं सारनी क्षेत्र भी अछूता नहीं है। जहां पर मात्र दो दिन पहले ही लोनिया खदान चालू होना खनिज विभाग के अधिकारी के द्वारा बताया गया। मगर आज तक लाखों घन मीटर रेत अवैध उत्खनन करने के बाद पूरे क्षेत्र भर में विकास कार्य और निर्माण कार्य किया गया है ।जो कि राजस्व को सीधे तौर पर करोड़ों रुपए का नुकसान अब तक पहुंचाया जा चुका है

क्योंकि महज एक ट्रैक्टर ट्रॉली का रेट 3500 से ₹4000 के बीच में व्यापार करते हुए आए दिन देखे जा रहे हैं ।
अवैध रेत व्यापारी जिस पर नकेल कसने के लिए कई बार जिला बैतूल खनिज विभाग के अधिकारी को लाइव लोकेशन के माध्यम से भी जानकारी बताई गई मगर अब तक सारनी क्षेत्र में कड़ी कार्रवाई करने से चूक रहे हैं आखिर माजरा है क्या। इसकी खबर जिला कलेक्टर दंडाधिकारी के संज्ञान में देने के बाद भी आज दो माह लगभग हो चुका है। सारनी छेत्र में अवैध रेत पर कार्रवाई करने से जिला कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी भी चूक गए । पत्रकारों के द्वारा दिए गए पत्र व्यवहार से भी अवगत कराया गया था । तब से लेकर आज तक जिला कलेक्टर भी इन रेत माफिया के ऊपर दंडात्मक कार्रवाई करने से नाकाम रह गए । इनका हौसला इतना बुलंद है कि अगर कोई कार्रवाई या प्रेस पत्रिका में अवैध उत्खनन की खबर प्रकाशित होने के बाद अवैध गतिविधियों से अंजाम देने के लिए अपने सागिर्दो को ट्रैक्टर ट्राली के आगे पीछे देखते हुए चलाते हैं ताकि कोई इनकी शिकायत ना कर सके।अवैध उत्खनन कर लाखों घन मीटर रेत का व्यापार कर चुके हैं सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई है कि रेत उत्खनन का सारा खेल मिली भगत की वजह से क्षेत्र में जोर पकड़ा हुआ है ।
अज्ञात लोग एवं अधिकारियों से संपर्क साधा गया मालूम हो रहा है। तभी खर्राटे मार कर धड़ल्ले से ट्रैक्टर ट्राली के माध्यम से शहर भर में रेत ठिकानों पर पहुंचाई जा रही है। सतपुड़ा पहाड़ी क्षेत्र में तवा नदी में बहकर आने वाली करोड़ घन मीटर रेत तवा नदी से निकलती है जिस पर राजस्व का पहरा होना चाहिए था, मगर रेत माफिया कुछ अधिकारियों के साथ में मिली भगत कर राजस्व को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाने में अब तक कामयाब हो गए हैं। गौरतलाप है कि आज तक कम से कम 5 से 6 बार जिला खनिज अधिकारी को भी सूचित करने के बाद तुरंत कार्रवाई नहीं करते हुए देखा गया जिसका भुगतान राजस्व को ही भुगतना पड़ रहा है। आज राजस्व को करोड़ों रुपए का नुकसान खनिज विभाग की नाकाम कार्रवाई की वजह से हुआ है। सरकार के बड़े जनप्रतिनिधि भी चुप्पी सादे बैठे नजर आ रहे हैं क्यों। इसकी उच्च स्तरीय जांच कर कर दोषियों के उपर दंडात्मक कार्रवाई करनी चाहिए । क्षेत्र में आज पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है की अवैध उत्खनन करने वाले रेत मांफियों के पैर इतने भारी की सरकारी कानून इनके आगे कमजोर साबित नजर आए कहावत में भलाई कहां हो कानून के हाथ लंबे होते हैं मगर उनके सामने कानून के हाथ एकदम बौने नजर आने लगे हैं। इस मामले को जिला कलेक्टर ने अब तक संज्ञान में नहीं ले पाना अब तक देखा गया। सूत्रों के अनुसार जानकारी प्राप्त है कि पैसे का खेल बड़ा निराला जिसकी जैसी झोली उसमें उतना पैसा डाला तब जाकर खेल चल रहा है निराला,
क्षेत्र की भोली भाली जनता का ज्यादा रेत के दाम देकर खरीदना भी देखा गया है सारनी क्षेत्र में जब खनिज विभाग अधिकारी ही कार्रवाई करने से चुक रहे हैं तो बाकी आम जनता महंगी रेत के दाम देकर खरीदने को मजबूर होंगे ही।

इनका कहना है
टीम गठित कर कार्रवाई की जांच की जाएगी।
एडीएम जिला कलेक्टर बैतूल