आज 40 जिलों में मेघगर्जन-बिजली और भारी बारिश की चेतावनी
जल्द एक्टिव होगा नया सिस्टम, आज 40 जिलों में मेघगर्जन-बिजली और भारी बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग का ऑरेंज-येलो अलर्ट
मौसम विभाग की मानें तो 29-30 जुलाई को तेज बारिश का दौर थम जाएगा, लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविटी शुरू होगी, जिससे बारिश का अगला दौर शुरू होगा। मध्यप्रदेश में अब तक सामान्य 16.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो 3% अधिक है।
MP Weather Alert :मध्य प्रदेश में आज रविवार को फिर 38 से 40 जिलों में भारी बारिश और आकाशीय बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। इसमें 2 जिलों में अति भारी बारिश के चलते रेड तो 8 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।29-30 जुलाई से तेज बारिश का दौर धीमा होगा, लेकिन 31 जुलाई से फिर स्ट्रॉन्ग सिस्टम की एक्टिविट से बारिश की गतिविधियां में तेजी आएगी।अब तक मानसून सीजन की 103 फीसदी बारिश हो चुकी है ।यह औसत बारिश से तीन प्रतिशत ज्यादा है।
आज इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मध्य प्रदेश के रायसेन नर्मदापुरम जिले में अत्याधिक बारिश का रेड अलर्ट और 8 जिलों सीहोर, राजगढ़, बुरहानपुर, श्योपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी और पांढुर्णा में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।वही अन्य जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
नर्मदापुरम, सीहोर, भोपाल, देवास, आगर, छिंदवाड़ा, विदिशा, उत्तरी बैतूल, रतलाम में बिजली के साथ भारी बारिश ।
बालाघाट, पांढुर्ना, दक्षिण बैतूल, हरदा, रायसेन में बिजली के साथ मध्यम बारिश।
गुना, सागर, दमोह, राजगढ़, शाजापुर, उज्जैन/महाकालेश्वर, मंदसौर, इंदौर, जबलपुर, डिंडोरी, मंडला, श्योपुर, झाबुआ, धार, बड़वानी, अलीराजपुर, खंडवा, खरगोन में हल्की बारिश।
बुरहानपुर, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, छतरपुर, पन्ना, मैहर, अनुपपुर/अमरकंटक, शहडोल, उमरिया, सिवनी, नरसिंहपुर में भी दोपहर में वर्षा।
मानसून के साथ कई सिस्टम सक्रिय
समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अब बीकानेर, चूरू, आगरा, प्रयागराज, रांची से होकर समुद्र तल से 3.1 किमी ऊपर तक फैली हुई है। पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र अब पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे उत्तरी ओडिशा के ऊपर बना हुआ है।
एक चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। दक्षिण गुजरात से उत्तरी केरल के तटों तक पश्चिमी तट पर समुद्र तल से अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है। विरूपक हवाओं का क्षेत्र ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ बना हुआ है।
बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। अलग स्थानों पर बनी इन मौसम प्रणालियां के प्रभाव से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से लगातार नमी आने से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा हो रही है। हल्की से मध्यम वर्षा का यह दौर अगले दो-तीन जारी रह सकता है।
अबतक कहां कितनी वर्षा
मध्यप्रदेश में अब तक सामान्य 16.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो 3% अधिक है। पश्चिमी हिस्से- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल संभाग में एवरेज से 6% ज्यादा पानी गिर चुका है। जबकि पूर्वी हिस्से- रीवा, सागर, जबलपुर और शहडोल संभाग में 1% कम बारिश हुई है।हालांकि, जबलपुर संभाग के जिले- डिंडौरी, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला और बालाघाट में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। भोपाल संभाग भी आगे है।