भाजपा में बवाल: चिचोली उपाध्यक्ष ने जिला अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा, पार्टी में घमासान
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
भाजपा में बवाल: चिचोली उपाध्यक्ष ने जिला अध्यक्ष को सौंपा इस्तीफा, पार्टी में उठा घमासान
भाजपा के चिचोली मंडल उपाध्यक्ष ने पार्टी के शीर्ष नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप
बैतूल। भारतीय जनता पार्टी में एक बड़ा बवंडर मच गया है। चिचोली नगर मंडल के उपाध्यक्ष दिलीप यादव ने पार्टी के जिला अध्यक्ष आदित्य बबला शुक्ला को अपने पद से इस्तीफा देने का ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में यादव ने पार्टी के भीतर के गहरे असंतोष और भेदभावपूर्ण व्यवहार को लेकर चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। यादव ने आरोप लगाया है कि उनके परिवार ने दशकों से पार्टी के लिए संघर्ष किया है, लेकिन उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया गया। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव में पार्टी के समर्थित उम्मीदवार को जिताने के बावजूद उन्हें पूरी तरह से अनदेखा किया गया। ज्ञापन में उपाध्यक्ष ने जिला उपाध्यक्ष शंकर चढ़ोकार पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें कांग्रेस नेताओं से सांठ-गांठ और पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप शामिल हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि चढ़ोकार ने पार्टी के उम्मीदवारों को हरवाने के लिए साजिश रची।
— सांसद और विधायक की चुप्पी पर सवाल–
यादव ने इस पर भी सवाल उठाया कि पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने इस पूरी स्थिति पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने दावा किया कि पार्टी की उच्च कमान को उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। इस इस्तीफे और आरोपों ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया है। यह देखना होगा कि पार्टी इस संकट से कैसे उबरती है और कार्यकर्ताओं की नाराजगी को कैसे ठंडा करती है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए यह एक बड़ा परीक्षण है कि वे इस विवाद को किस तरह सुलझाते हैं और पार्टी की छवि को कैसे बचाते हैं।
— पार्टी द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के आरोप–
दिलीप यादव ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि उनके पिता बाबूलाल यादव जनसंघ (दिया छाप) के समय से पार्टी के साथ जुड़े हुए थे और तब से उनका परिवार निष्ठा और ईमानदारी से कांग्रेस के गढ़ में संघर्ष करता आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें पार्टी द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि अन्य पदाधिकारी जो पार्टी में कभी बैठक में नहीं आते, उन्हें पुरस्कृत किया जा रहा है।
यादव ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव में पार्टी समर्थित उम्मीदवार को जिताने के बावजूद उन्हें अनदेखा किया गया। उनके अनुसार, मंडल अध्यक्ष द्वारा उन्हें सहकारी समिति के चुनाव में पार्टी की पेनल से उम्मीदवार बनाया गया था, परंतु पार्टी द्वारा घोषित पेनल में उनका नाम शामिल नहीं था। उन्होंने इसे उनके खिलाफ षड्यंत्र बताया और कहा कि इस तरह का व्यवहार केवल ईमानदार कार्यकर्ताओं को ही झेलना पड़ता है। यादव ने अपने ज्ञापन में समिति चुनाव की मतगणना को फिर से करवाने की मांग की है और कहा कि अगर वह एक भी वोट प्राप्त कर लेंगे, तो राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पार्टी उचित कार्यवाही नहीं करती है, तो वे अपने सामाजिक बंधुओं के साथ भोपाल जाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के समक्ष अपनी बात रखेंगे और अगर वहां भी उनकी सुनवाई नहीं हुई, तो सामूहिक रूप से पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देंगे। ज्ञापन की प्रतिलिपि प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, महामंत्री संगठन हितानंद शर्मा, सांसद डी.डी. उईके और विधायक गंगा उईके को भी भेजी गई है।