मंदिर के शिखर और मस्जिद की मीनारों से सांप्रदायिक सौहार्द के साथ उतारे गए स्पीकर्स
ब्यूरो रिपोर्ट
- मंदिर के शिखर और मस्जिद की मीनारों से सांप्रदायिक सौहार्द के साथ उतारे गए स्पीकर्स
- ध्वनि प्रदूषण रोकने के लिए प्रशासन की देखरेख में उतारे गए स्पीकर
बैतूल –ध्वनि प्रदूषण के नियंत्रण के संबंध में राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने तथा ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किए जाने के संबंध में दिए गए निर्देशों के अनुपालन में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा जिले के बैतूल, मुलताई, घोड़ाडोंगरी, आमला एवं भैंसदेही क्षेत्रों में एक साथ कार्रवाई के लिए दल गठित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
बैतूल जिले में धार्मिक स्थलों पर लगाए गए निर्धारित डेसिबल से अधिक क्षमता वाले लाउडस्पीकर को उतारने की कार्रवाई की गई। एडीएम श्री राजीव नंदन श्रीवास्तव के अधीन तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार सहित संबंधित थाना प्रभारी अथवा उनके प्रतिनिधि एवं क्षेत्रीय अधिकारी मध्य प्रदेश ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा नामित अधिकारी उडऩदस्ते दल में शामिल किए गए है जो एडीएम को रिपोर्ट करेंगे।
मुलताई में एक मंदिर और दो मस्जिदों से हटाए लाउड स्पीकर
तहसीलदार श्री बी.डी. कुमरे, सीएमओ श्री आर.के. इनवाती, थाना प्रभारी श्री राजेश सातनकर एवं श्री जी.आर. देशमुख की संयुक्त टीम द्वारा मुलताई में स्थित मंदिर, मस्जिद एवं गुरुद्वारे में लगे ध्वनि प्रसारण यंत्र (माइक एवं लाउडस्पीकर) का निरीक्षण किया गया। टीम ने पांच मंदिरों एवं पांच मस्जिदों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान नियमों का उल्लंघन होने पर एक मंदिर एवं दो मस्जिदों में से लाउड स्पीकर हटवाए गए।
घोड़ाडोंगरी में हटाए 6 स्पीकर
घोड़ाडोंगरी एसडीएम श्री अभिजित सिंह ने बताया कि क्षेत्र में सौैहार्दपूर्ण ढंग से लोगों के द्वारा स्वेच्छा से आगे बढक़र मंदिर और मस्जिद से स्पीकर उतारे गए। यहां घोड़ाडोंगरी एवं शाहपुर में 4 मंदिरों से 6 लाउड स्पीकर और 4 मस्जिदों से 4 लाउडस्पीकर हटाए गए। चिचोली तहसीलदार श्री अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि चिचोली में लाउड स्पीकर हटाए गए। इनमें 2 स्पीकर मंदिरों के और दो स्पीकर मस्जिद से हटाए गए। मा.उच्च न्यायालय के आदेश का सभी ने सम्मान किया।
नामित उड़न दस्ते द्वारा नियमित एवं आकस्मिक रूप से निर्धारित उपकरणों के साथ ऐसे धार्मिक एवं सार्वजनिक स्थानों का अचानक निरीक्षण किया जाएगा, जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग होता हो तथा इसके संबंध में प्राप्त शिकायत की आकस्मिक जांच की जाएगी तथा नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। ध्वनि प्रदूषण के लिए इंडस्ट्रियल एरिया में ध्वनि डेसिबल दिन के समय 75 और रात के समय 70 डेसिबल से अधिक नहीं होना चाहिए। इसी प्रकार कमर्शियल क्षेत्र में दिन में 65 रात में 55 और रहवासी क्षेत्र में दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तथा शांत क्षेत्र में दिन में 50 डेसिबल और रात्रि में 40 डेसिबल से अधिक न हो।
गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में ध्वनि प्रदूषण से मानव जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का उल्लेख करते हुए कहा गया कि ध्वनि प्रदूषण से मनुष्य के काम करने की क्षमता, आराम, नींद और संवाद में व्यवधान उत्पन्न होता है। कोलाहल पूर्ण वातावरण के कारण उच्च रक्तचाप, बेचैनी, मानसिक तनाव तथा अनिद्रा जैसे प्रभाव शरीर पर देखने को मिलते है। अधिक शोर होने से कान के आंतरिक भाग के क्षति होने के प्रमाण भी पाए गए है। लाऊड स्पीकरों, तेज हॉर्न के साथ निजी आवासों में भी ध्वनि प्रदूषण के इस्तेमाल पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। समाचार लिखे जाने तक अन्य विधानसभा क्षेत्रों में कार्रवाई जारी रही।