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प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन होगे पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन आर.एन.आई हुआ अब पी.आर.जी.आई

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ब्यूरो रिपोर्ट 
बैतूल -समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन से लेकर अन्य दूसरी सभी सुविधाओं को ऑनलाइन करते हुए एक ही मंच प्रेस सेवा पोर्टल से जोड़ा गया है। यह सुविधा 1 मार्च 2024 से लागू की गई है। यह पोर्टल भारत के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल द्वारा राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही 01 मार्च 2024 से प्रभावशील हो गया है। पत्र-पत्रिकाओं का पंजीयन 01 मार्च 2024 से ऑनलाइन कर किया गया है। यह बात पी.आर.जी.आई. (प्रेस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया) जो पहले आर.एन.आई के नाम से जाना जाता था, के असिस्टेंट प्रेस रजिस्ट्रार जनरल श्री हितेश रावत ने मध्य प्रदेश आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के कलेक्टर्स, पीआरओ को प्रेस सेवा पोर्टल से संबंधित अपने वर्चुअल संबोधन में कही।
उन्होंने बताया कि समाचार पत्र-पत्रिकाओं के पंजीयन एवं समाचार पत्र-पत्रिकाओं से जुड़ी अन्य सुविधाओं एवं क्रियाकलापों को आसान, सरल एवं ऑनलाईन करके एवं आदर्श बदलाव लाने का प्रयास का नाम है प्रेस सेवा पोर्टल। इस वर्चुअल बैठक में बतूल से एडीएम जे.पी.सैय्याम एवं उप संचालक जनसंपर्क श्री मुकेश दुबे उपस्थित हुए।
शीर्षक सत्यापन प्रक्रिया समाप्त
पी.आर.पी अधिनियम के तहत शीर्षक सत्यापन की प्रक्रिया समाप्त की गई है। अब आवेदन को प्रेस सेवा पोर्टल पर अपना आवेदन भरना होगा। शीर्षक का सत्यापन और पंजीयन एक ही चरण में किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन प्राप्ति के 60 दिनों के भीतर ही जारी की जाएगी। घोषणा निलंबन अथवा रद्द करने अब पीआईजीआई से किया जा सकेगा।
संशोधन की सुविधा
समाचार पत्र मालिक अपने समाचार पत्र के विवरण में संशोधन चाहते है तो ऑनलाइन संशोधन करा सकते है। प्रकाशक को इसके लिए 1000 रुपए का संशोधन शुल्क के रूप में जमा कराने होगे। पीआरजी आवेदन को संशोधित कर प्रकाशन स्थल में परिवर्तन के लिए निर्दिष्ट प्राधिकारी की टिप्पणी पर विवरण की शुद्धता सुनिश्चित करता है। संशोधित प्रमाण पत्र की प्रतिलिपि निर्दिष्ट प्राधिकारी को भेजी जाती है। इसके साथ ही सभी प्रकार के लेनदेन पर निर्दिष्ट प्राधिकारी द्वारा ई हस्ताक्षर करने होगे। प्रोफाइल बनते समय आधार विवरण, प्रेस सेवा पोर्टल में दिए गए नाम से मेल खाना चाहिए।
स्वामित्व हस्तांतरण
पत्र-पत्रिकाओं के स्वामित्व हस्तांतरण के लिए भी एक हजार रूपए शुल्क और दस्तावेजों के साथ सेवा पोर्टल पर आवेदन करना होगा। यहां भी पी.आर.जी आवेदन को संशोधित करता है। विचार करता है और निर्दिष्ट प्राधिकारी की टीप और शुद्धता की जांच कर पुष्टि करता है। स्वामित्व परिवर्तन के लिए अनुमति दी गई है। जब तक कि पीआरजी निर्णय ना लेते पोटल् पर कारण बताया जाएगा। यदि अनुमति अस्वीकार की जाती है तो पीआरजी आधार निर्दिष्ट करते हुए स्पीकिंग आर्डर जारी करता है।
पंजीयकृत पत्रिका बंद होने
समाचार पत्र अथवा पत्रिका का मालिक को 6 माह के अंदर प्रेस सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन सूचना भेजना होगी। सूचना प्रेस रजिस्ट्रार जनरल और निर्दिष्ट प्राधिकारी दोनों को करनी होगी। एसए में किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है। पीआरजी इस समाप्ति प्रक्रिया का उचित संचार एवं दस्तावेजीकरण का प्रयास करता है।