हीरादेही वन चौकी में जब्त वाहन का गैर कानूनी तरीके से हो रहा उपयोग
विशाल भौरासे की रिपोर्ट
- हीरादेही वन चौकी में जब्त वाहन का गैर कानूनी तरीके से हो रहा उपयोग
- परिसर में खड़े जब्त वाहनों की ही नहीं हो पा रही सुरक्षा, सामान हो रहा गायब
- आवेदक ने सीसीएफ और दक्षिण वन मंडल के डीएफओ से की शिकायत
बैतूल। वन चौकी परिसर हीरादेही में विभिन्न प्रकरण में जब्त किए वाहन सुरक्षित नहीं हैं। वाहनों का निजी उपयोग होने के साथ ही इनका सामान गायब होता जा रहा है। आरोप हैं कि जब्त किए गए ट्रैक्टर ट्राली को किराए पर देकर भी चलवाया जा रहा है। जबकि यह गैरकानूनी है। जब्त वाहन का प्रकरण न्यायालय में चलने के बावजूद हीरादेही वन चौकी द्वारा धड़ल्ले से वाहन का निजी उपयोग किया जा रहा है।
इस मामले की शिकायत आवेदक दुर्गेश कैचे पिता प्रकाश राव कैचे निवासी घोड़देव तहसील मोर्शी जिला अमरावती ने जिला मुख्यालय पर पहुंचकर वन विभाग के सीसीएफ और दक्षिण वन मंडल के डीएफओ से की है। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके ट्रैक्टर ट्राली लगभग 3 साल से वन चौकी हीरादेही परिसर में खड़े हैं। अवैध परिवहन करने के आरोप में वर्ष 2020 में उनके ट्रैक्टर ट्राली को जप्त कर वन चौकी हीरादेही में खड़ा किया गया था। उन्होंने अपने जब्त वाहन को सुपुर्दनामे के लिए न्यायालय बैतूल में आवेदन प्रस्तुत किया था। तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश बैतूल आशीष टाकले द्वारा आवेदक के आवेदन पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
आवेदक दुर्गेश कैचे ने बताया कि उन्होंने उक्त पारित आदेश के विरूद्ध उच्च न्यायायल में याचिका प्रस्तुत की है। प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उक्त प्रकरण में कोई अंतिम निराकरण न होने एवं कोई दिशा निर्देश जारी न होने के बावजूद भी वन विभाग हीरादेही चौकी द्वारा जब्त शुदा वाहन का जानबूझकर गैरकानूनी रुप से उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि वाहन को वन विभाग द्वारा किराये पर चलाया जा रहा है। वाहन से दुर्घटना कारित कर क्षतिग्रस्त भी कर दिया है। वाहन का बहुत सा सामान भी निकाल लिया गया है।
आवेदक की याचिका उच्च न्यायालय में लंबित होने के दौरान आवेदक के वाहन का बेजा उपयोग एवं उपभोग करने का विभाग को कोई अधिकार नही है। आवेदक दुर्गेश कैचे का कहना है कि जब्तशुदा वाहन की याचिका का अंतिम निराकरण होने तक उस वाहन में जो भी यांत्रिकी एवं अन्य खराबी होगी उसकी क्षति की भरपाई के लिए वन विभाग जवाबदार होगा। उन्होंने इस मामले में उच्च न्यायालय के समक्ष भी आवेदन प्रेषित किया है। आवेदक ने सीसीएफ एवं दक्षिण वन मंडल के डीएफओ से मांग की है कि वन चौकी हीरादेही द्वारा जब्त वाहन का बेजा उपयोग एवं उपभोग को रोका जाकर दोषी वन अधिकारी, कर्मचारियों के विरूद्ध अविलम्ब दण्डात्मक कार्यवाही की जाए।