टैगोर वार्ड में सुहागिनों ने हर्षोल्लास से मनाया करवा चौथ
ब्यूरो रिपोर्ट
टैगोर वार्ड में सुहागिनों ने हर्षोल्लास से मनाया करवा चौथ
चंद्र दर्शन, पूजन, अर्घ्य के बाद पति की लंबी आयु के लिए की प्रार्थना, पति के हाथों जल पीकर खोला व्रत
बैतूल। करवा चौथ की रात्रि जैसे ही चांद निकला टैगोर वार्ड में चाँद का बेसब्री से इंतज़ार कर रही सुहागिन महिलाओं के मुंह से बरबस निकल पड़ा कि देखो देखो चांद निकल आया।
शुक्रवार को पूरे देश में सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखा। चांद के दीदार के साथ ही सुहागिनों ने अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया।
देशभर में चांद निकलने के साथ ही महिलाओं ने करवा चौथ का व्रत पूरा किया। सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए चांद को अर्घ्य देकर व्रत को पूरा किया। इसके साथ ही पति की लंबी आयु की कामना करते हुए प्रार्थना की। बैतूल में रात 08:45 बजे चांद दिखाई दिया।
करवा चौथ का पावन व्रत देशभर में चंद्रमा के दर्शन के साथ ही श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हो गया। पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा गया यह निर्जला उपवास, जैसे ही रात को चंद्रमा निकला, पूरे भक्तिभाव के साथ पूर्ण किया गया।
सुबह सूर्योदय से शुरू हुए इस कठिन व्रत के दौरान लाखों सुहागिनों ने बिना पानी पीए दिनभर उपवास रखा। शाम होते-होते सभी की नजरें आसमान पर टिकी थीं, और जैसे ही चांद ने दर्शन दिए, हर घर और मंदिर में उत्सव जैसा माहौल बन गया।
नवविवाहित महिलाओं का पहला करवा चौथ
नवविवाहित जोड़ों के लिए पहला करवा चौथ बहुत खास होता है। महिलाओं को भी इसकी उत्सुकता होती है। महिलाएं सुबह से ही तैयारियों में लगी थी। सुबह सरगी खाने की रस्म की गई जो सास अपनी बहू को देती है इसके बाद महिलाएं बिना खाए पिए व्रत रहीं। इसके बाद शाम को पूजा की। महिलाएं हाथों में मेहंदी, माथे पर बिंदी और लाल जोड़े में तैयार हुईं। इसके बाद कथा सुनी, गीत गाए और चांद का इंतजार किया।
बैतूल के टैगोर वार्ड में भी पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई, जिसमें वार्ड की सभी महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सज-धजकर सहभागिता की।
सभी उपस्थित महिलाओं ने चांद का दर्शन पूजन कर करवाचौथ पर्व के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला। श्रीमती लीला बतरा ने कहा कि यह पर्व नारी की श्रद्धा, प्रेम, समर्पण और त्याग का प्रतीक है, जो पारिवारिक जीवन के बंधनों को और सशक्त बनाता है।
श्रीमती मुक्ता बतरा ने कहा कि यह परंपरा हमें परिवार और रिश्तों की अहमियत को स्मरण कराती है तथा परस्पर सम्मान और एकता के संदेश को प्रबल करती है। माही मदान ने कहा कि सभी सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी उम्र और वैवाहिक जीवन की सुख-समृद्धि के लिए ही करवा चौथ का व्रत रखा। यह व्रत पतिव्रता नारियों के लिए खास होता है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं ने करवाचौथ की मंगलकामनाओं के साथ एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं। पारंपरिक उत्सव की आत्मीयता का आनंद साझा किया। इस मौके पर वार्ड की गीता बलवंत मदान, पूजा प्रकाश मदान, अनुसूया राजेश मदान, माही धीरज मदान, लीला सोमनाथ बतरा, मुक्ता मनोज बतरा, भूमि गोलू बतरा, रेखा प्रमोद जोशी, स्नेहा हर्ष जोशी सहित अन्य कई विवाहित जोड़े शामिल थे।