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भारत सरकार द्वारा ट्रेडमार्क पंजीयन

Betul

एक जिला एक उत्पाद” एवं निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला का आयोजन

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ब्यूरो रिपोर्ट 

बैतूल कलेक्टर श्री नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के निर्देशानुसार 30 अक्टूबर को होटल ग्रीन पार्क में एक जिला एक उत्पाद एवं निर्यात प्रोत्साहन कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्थानीय उद्यमियों, किसानों और कारीगरों को निर्यात प्रक्रियाओं, वैश्विक मानकों, ब्रांडिंग और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने का अवसर प्रदान करना रहा। इस कार्यशाला में जिले के 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

 इस अवसर पर एसडीओ श्री सुरेन्द्र निवेधन ने कहा कि बैतूल का सागौन और सोयाबीन न केवल भारत की पहचान है बल्कि वैश्विक बाजार में भी इनकी मांग लगातार बढ़ रही है। हमारा लक्ष्य है कि यहां के उत्पाद केवल कच्चे माल तक सीमित न रहें, बल्कि वैल्यू एड्डेड प्रोडक्ट बनकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचें। वहीं श्री ब्रज आशीष पांडे ने जिले की निर्यात उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में जिले से कुल 71.73 करोड़ का निर्यात दर्ज किया गया। इसमें अकेले सोयाबीन मिल का योगदान 61.15 करोड़ लगभग 85 प्रतिशत रहा। इसके अतिरिक्त वुड एवं टिंबर उत्पादों ने करीब 10 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ जिले को विशिष्ट पहचान दिलाई है। वहीं Tamarind, Lecithins तथा फर्नीचर और हैंडीक्राफ्ट्स भी जिले की निर्यात सूची में शामिल हैं। पिछले चार वर्षों में बैतूल ने निर्यात में लगभग 380 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जो जिले की अपार संभावनाओं और वैश्विक बाजार में मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है।

कार्यशाला में विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के विशेषज्ञों ने उद्यमियों और कारीगरों को व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान किया। वालमार्ट से श्री समीर मिस्त्री ने ग्लोबल बायर्स इनसाइट्स साझा किए और बताया कि किस प्रकार बैतूल के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजार की मांगों के अनुरूप ढाले जा सकते हैं ।पोस्ट ऑफिस से श्री भगवान दास जी ने डाक विभाग की निर्यात संबंधी लॉजिस्टिक्स सेवाओं की जानकारी दी। श्रीमती मीता वाधवा ने ओडीओपी एवं निर्यात अवसरों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

 कार्यशाला की सबसे बड़ी विशेषता, जिसमें स्थानीय उद्यमियों ने पैकेजिंग, अंतरराष्ट्रीय मानकों और लॉजिस्टिक्स से जुड़े प्रश्न पूछे। विशेषज्ञों ने सभी प्रश्नों का समाधान प्रस्तुत किया। विशेष रूप से आरओ नर्मदापुरम श्री शुभम गुप्ता ने प्रतिभागियों को आश्वस्त किया कि भविष्य में भी उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा और इसके लिए उन्होंने अपना संपर्क नंबर भी साझा किया।

 कार्यशाला के दौरान यह संकल्प लिया गया कि बैतूल को मूल्य वर्धित निर्यात केंद्र बनाने के लिए प्रशासन, उद्यमी, किसान और कारीगर संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। यह पहल केवल बेतूल तक सीमित नहीं है। आगामी दिनों में ऐसी ही ओडीओपी एवं एक्सपोर्ट प्रोमोशन कार्यशालाएं रायसेन, इंदौर, कटनी और श्योपुर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में भी आयोजित की जाएगी, ताकि हर जिले का विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त कर सके और “लोकल से ग्लोबल” की परिकल्पना साकार हो।